नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में हम सभी किसी न किसी तरह की शारीरिक या मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। तनाव, नींद की कमी, अस्वस्थ खानपान और जीवनशैली के कारण न केवल हमारी सेहत प्रभावित होती है, बल्कि हमारी त्वचा और बाल भी इससे प्रभावित होते हैं। विशेष रूप से बालों से जुड़ी समस्याएं जैसे झड़ना, समय से पहले सफेद होना, बालों की वृद्धि रुक जाना या गंजेपन की समस्या आम हो गई हैं। ऐसे में योग एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग न केवल शरीर और मन को संतुलित करता है, बल्कि बालों की सुंदरता को बनाए रखने में भी सहायक है। विशेष रूप से बालायाम, जिसे 'नेल रबिंग एक्सरसाइज' के नाम से भी जाना जाता है, इसमें दोनों हाथों की उंगलियों के नाखूनों को आपस में रगड़ा जाता है। यह प्रक्रिया स्कैल्प से जुड़ी नसों को उत्तेजित करती है, जिससे मस्तिष्क को बालों की वृद्धि के लिए आवश्यक संकेत मिलते हैं। इससे पुराने और निष्क्रिय हेयर फॉलिकल्स फिर से सक्रिय हो सकते हैं, जिससे बालों की वृद्धि में सुधार हो सकता है।
इस अभ्यास की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है। चिकित्सक दिन में कम से कम 10 से 15 मिनट तक रोजाना बालायाम करने की सलाह देते हैं। नियमित रूप से इसे करने से बालों का झड़ना कम हो सकता है, बाल मजबूत और घने हो सकते हैं, और समय से पहले सफेद होने की समस्या में भी राहत मिल सकती है।
बालायाम करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। जैसे कि केवल उंगलियों के नाखूनों को आपस में रगड़ना चाहिए, अंगूठों को रगड़ने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अंगूठे को रगड़ने से चेहरे पर अनचाहे बाल उग सकते हैं। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप के मरीजों और गर्भवती महिलाओं को बालायाम करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए।
बालों के लिए केवल बालायाम ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य योग मुद्राएं भी लाभकारी मानी जाती हैं, जैसे पृथ्वी मुद्रा और हाकिनी मुद्रा। ये न केवल शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं, बल्कि बालों के झड़ने को भी कम कर सकती हैं। तनाव को कम करके ये मुद्राएं मन को शांत करती हैं, जिससे बालों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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